About to Teachers Day (शिक्षक दिवस के बारे में )

Introduction (परिचय)

5 सितंबर यानी शिक्षक दिवस हमारे देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर मनाया जाता है | डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को 1962 से ही शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा | इस अवसर पर देश भर के तमाम कॉलेज स्कूल शिक्षण स्थानों में अध्यापकों का सम्मान होता है और स्टूडेंट इस अवसर पर तरह तरह की प्रोग्राम करते हैं|आज का दिन टीचर और स्टूडेंट के लिए जीवन में एक स्पेशल दिन होता है|


                              "गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय 

                                बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताए "

                                                                           संत कबीर दास

कोरोना संक्रामक महामारी में शिक्षा(Education in corona virus infectious epidemic-)

इस वर्ष पूरे दुनिया में संक्रामक महामारी कोरोनावायरस का प्रकोप इस साल में इस बार लगातार दूसरे वर्ष हम 5 सितंबर को राष्ट्रीय दिवस मनाने जा रहे हैं कोरोनावायरस काल में स्कूली पढ़ाई के बदले स्वरूप के साथ साथ ही शिक्षक दिवस प्रोग्राम का रूप बदला होगा| लेकिन हम कम से कम शब्द तौर पर तो हम अपने गुरुजनों और शिक्षकों को प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त कर सकते हैं क्योंकि गुरु किसी तोहफे का नहीं बल्कि सम्मान का भूखा होता है| इस क्रोनो वायरस  संक्रामक महामारी मैं शिक्षक और स्टूडेंट ने तो ऑनलाइन पढ़ाई को अपना तो लिया लेकिन लेकिन स्कूलों में फ्रेंड फ्रेंड से मिलना जुलना, शिक्षक से बात करना, शिक्षक से बोलना और उनसे सीख लेना स्कूल कॉलेजों को देखना, स्कूल में खेलना ,कूदना ,पढ़ना - लिखना प्रतियोगिताओं में भाग लेना, मिड डे मील योजना का फायदा ना उठा पाना, हॉस्टल्स में खाना खाना, हॉस्टल्स में  रहना ऐसा लग रहा है यह सब चीजें खत्म सी हो गई है| यह सब एक्टिविटी ऑनलाइन क्लास मे, स्कूल - कॉलेजों में नहीं हो पाती हैं| ऑनलाइन शिक्षा तो उन स्टूडेंट तक पहुंच ही नहीं पाती है| जिनके पास स्मार्टफोन, इंटरनेट, लैपटॉप आदि की सुविधा यह नहीं है|



कॉलेजों में ऑनलाइन शिक्षा (online education in colleges)

कॉलेजों में तो शिक्षा ऑनलाइन हो रही है और 1 से 12 तक क्लासेस लॉकडाउन के कारण बंद है| अब ज्यादातर स्कूल रिओपन हो नहीं है| वह सब घरों में पढ़ाई करते होंगे| खेलते कूदते होंगे बट स्कूल न जा पाने से उनकी शिक्षा 1 साल पीछे हो गई है| स्टूडेंट एक कमरे में पढ़ाई करते हुए ऊब चुके हैं, परेशान हो चुके हैं|  और ज्यादातर 6 घंटे तक मोबाइल पर ऑनलाइन क्लासेस करना लैपटॉप पर ऑनलाइन क्लासेस करना पूरा दिन थका थका ही महसूस होने लगा है|

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शिक्षक दिवस के इतिहास के बारे में (About to teachers day)

 हमारे स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का नाम भारत के इतिहास में एक अलग भूमिका रखता है| भारतीय संस्कृति के संवाहक प्रख्यात शिक्षाविद महान दार्शनिक और आस्थावान हिंदू विचारक थे| यह दर्शनशास्त्र का भी बहुत ध्यान रखते थे | वर्ष 1962 में डॉ राधाकृष्णन दूसरे राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया था| इसी खुशी में कुछ प्रशंसक और शिष्यों ने उनका जन्मदिन मनाने की इच्छा जाहिर की तो उन्होंने यह सुनकर डॉक्टर राधाकृष्णन ने अपने जन्मदिन शिक्षक दिवस का दिन बनाने के बजाय संपूर्ण शिक्षकों को शिक्षकों के महान कार्यों और उनके योगदान के लिए सम्मानित करने का दिन बनाने का सुझाव दिया था |

About to lockdown as covid -19

About to Nurshing Day


 उन्होंने स्टूडेंट के लिए कहा था कि शिक्षक ही देश के भविष्य का आधार होते हैं इसलिए केवल उन्हें नहीं बल्कि  हर गुरुओं सम्मान देने की बात कही थी और तभी से  1962 से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है|

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